‘इच्छाओं और आवश्यकताओं में अंतर समझना होगा’

  • कोलार के सिंगापुर सिटी में संगीतमय शिवपुराण का आयोजन
  • आचार्य श्री यश शर्मा ने बताई शिवपुराण की महिमा

 भोपाल
आचार्य श्री यश शर्मा का कहना है कि शिव पुराण में ऐसी कई  शिक्षाएं दी गई हैं, जिनका यदि कोई पालन करे, तो अनेक समस्याओं से बच सकता है। शिव पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण रखना चाहिये और इन्द्रियों को वश में करने की कोशिश करनी चाहिये। व्यक्ति को इच्छाओं और आवश्यकताओं में अंतर समझना चाहिये और उन इच्छाओं का त्याग कर देना चाहिये, जिससे चरित्र की हानि होती है।

 आचार्य श्री यश शर्मा  कोलार के सिंगापुर सिटी अपार्टमेंट में आयोजित संगीतमय शिवपुराण कार्यक्रम के दौरान शिवपुराण की महिमा पर प्रकाश डाल रहे थे। उन्होंने कहा कि मोह-माया में पड़कर इंसान अपने उद्देश्यों को कभी प्राप्त नहीं कर सकता, इसलिये व्यक्ति को मोह-माया के वशीभूत होकर नहीं रहना चाहिये। मोह और माया के बंधनों से व्यक्ति जब आजाद हो जाता है, तो उसे परम ज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा किअपने चरित्र पर नियंत्रण रखने की भी शिव पुराण में सीख दी जाती है। साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि मनुष्य को मन वाणी और कर्मों से किसी को भी आहत नहीं करना चाहिये।

उन्होंने कहा  कि शिव पुराण में सत्य बोलना और सत्य का साथ देने की सीख भी मिलती है। शिव पुराण के अनुसार जब माता पार्वती भगवान शिव से पूछती हैं कि सबसे बड़ा धर्म क्या है, तो भगवान शिव कहते हैं सत्य का साथ देना ही सबसे बड़ा धर्म है अर्थात व्यक्ति को कभी भी असत्य के मार्ग पर नहीं चलना चाहिये। जो भी व्यक्ति आजीवन सत्य के मार्ग पर चलता है, भगवान शिव उसे उन्नति अवश्य प्रदान करते हैं। जो भी व्यक्ति भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना चाहता है और जीवन से दुख-दरिद्रता को दूर करना चाहता है, उसे शिव पुराण का पाठ अवश्य करना चाहिये। इस पुराण का पाठ करना आपको मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करता है।

 सिंगापुर सिटी, कोलार रोड अपार्टमेंट की सोसाइटी के प्रेजिडेंट श्री प्रदीप रघुवंशी बताया कि सोसाइटी प्राँगण  में  संगीतमय शिवपुराण कार्यक्रम का प्रारंभ 28 जुलाई को हुआ था।  इसका समापन  3 अगस्त को होगा। आयोजन में  श्रीमती रितु रघुवंशी , संतोषी शालवार , काजल दास , उषा शर्मा, निशा निर्मलकर और  श्रीकरण  सिंह राजपूत ने सहयोग प्रदान किया | कार्यक्रम में सोसाइटी के समस्त परिवार एवं अन्य सोसाइटी के भक्तगण भी रोज शाम 4 बजे से शाम  7 बजे तक सम्मिलित होकर कथा का श्रवन कर रहे हैं |