मध्य भारत के सबसे बड़े इनोवेशन कार्निवल ‘नवोन्मेष 2025’ का शुभारंभ

भोपाल
अटल इंक्यूबेशन सेंटर-रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी और आईसेक्ट ग्रुप के सहयोग से मध्य भारत के सबसे बड़े इनोवेशन कार्निवाल 'नवोन्मेष 2025' का उद्घाटन किया गया। इस कार्निवाल का उद्देश्य उद्यमिता, रचनात्मकता और प्रौद्योगिकी-संचालित समाधानों को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथियों में मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और आयुष मंत्री श्री इंदर सिंह परमार, आईसेक्ट ग्रुप के चेयरमैन श्री संतोष चौबे, स्कोप ग्लोबल स्किल विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी, आईसेक्ट ग्रुप की डाइरेक्टर अदिति चतुर्वेदी वत्स,  आईसेक्ट की एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और गेट सेट पेरेंट की फाउंडर डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी, एआईसी-आरएनटीयू के निदेशक डॉ. नितिन वत्स, रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो आर.पी. दुबे, स्कोप ग्लोबल स्किल्स विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. विजय सिंह और कुलसचिव डॉ. सीतेश सिन्हा उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी द्वारा स्वागत वक्तव्य से हुई। उन्होंने बताया कि नवोन्मेष 2025 में देशभर से 1600 पार्टिसिपेंट्स ने रजिस्ट्रेशन किया। जिसमें 440 पार्टिसिपेंट्स को चयनित किया गया।

 मंत्री श्री इंदर सिंह परमार ने विद्यार्थियों को दिया सशक्त संदेश
मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष विभाग मंत्री ने कार्यक्रम में श्री संतोष चौबे द्वारा किए गए नवोन्मेष कार्यों को सराहा। उन्होंने कहा कि श्री चौबे की दीर्घ तपस्या और अथक प्रयासों से स्किल्ड पेशेवरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी, जिससे उद्योग जगत को योग्य कर्मियों की आवश्यकता पूरी हो सकेगी। आगे उन्होंने कहा कि आजकल इंडस्ट्री में स्किल्ड लोग नहीं मिल रहे हैं, और श्री संतोष चौबे जी द्वारा किए जा रहे प्रयासों से इस कमी को पूरा किया जा सकेगा। उनके कार्य से विद्यार्थियों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा और कृषि क्षेत्र में भी समाधान प्राप्त होगा। इसके अलावा, यहां जो स्टार्टअप्स आए हैं, वे रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाएंगे। इसके अतिरिक्त, मंत्री जी ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा की महत्ता को स्वीकार करते हुए कहा, भारत की ज्ञान परंपरा में विज्ञान, चिकित्सा और तकनीकी शिक्षा की परंपरा समृद्ध रही है। हमें इसे पुनः शोधित करके मनुष्य के जीवन के लिए उपयोगी बनाना होगा।

आईसेक्ट ग्रुप के चेयरमैन श्री संतोष चौबे ने अपने उद्बोधन में कहा कि नवोन्मेष नई दिशा को खोजने का तरीका है और आईसेक्ट का आधार हिंदी भाषा रही है। हिंदी भाषा को प्रमोट करते हुए, आईसेक्ट ग्रुप ने तकनीकी शिक्षा, आर्गेनिक कृषि, और उद्यमिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहा है। कार्यक्रम के दौरान अतिथियों द्वारा श्री संतोष चौबे, डॉ. सिद्धार्थ चतुर्वेदी और डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी की किताब 'बिग कंट्री, लिटिल बिजनेस' का विमोचन भी किया गया।

 पर्सिसटेंस, एथिक्स और आरओआई का माइंडसेट से मिलती है सफलता – अमन गुप्ता
कार्यक्रम में शार्क टैंक फेम और बोट कंपनी के को-फाउंडर अमन गुप्ता का की-नोट सेशन आयोजित किया गया जिसे डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी ने मॉडरेट किया। इस दौरान उन्होंने अपनी सक्सेस की जर्नी साझा करते हुए कहा कि माता पिता नौकरियों में थे तो एक मीडिल क्लास फैमिली वाली लाइफ को जिया है। पर हमेशा मन में अंदर से एक प्रेरणा आती थी कि हम भी कर लेंगे, कोई न कोई बिजनेस हम भी बना लेंगे। इसी प्रेरणा के चलते पहले सीए किया, फिर इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया। इसके बाद जेबीएल में जॉब कर रहे थे तो समझ आया कि बिजनेस करना है फिर क्या पांच बिजनेस ट्राय किए उसके बाद बोट के जरिए सफलता मिली। अपने वक्तव्य में उन्होंने सफलता के लिए 3 चीजों को आवश्यक बताया जिसमें पहला, “पर्सिसटेंस” यानि आप लगातार और बार-बार प्रयास करते रहें, दूसरा – “रिटर्न ऑफ इंवेस्टमेंट” (आरओआई) का माइंडसेट रखना चाहिए यानी 10 रुपए खर्च करो तो 100 बनाने पर दिमाग लगाते रहो। तीसरा- गवर्नेंस और एथिक्स का ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अक्सर स्टार्टअप गलत रास्ते पर चले जाते हैं और डूब जाते हैं।

भारत में वर्तमान में स्टार्टअप परिदृष्य पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत में बहुत अच्छा समय है स्टार्टअप्स के लिए। इंटरप्रेन्योर्स भी सेलेब्रिटी बनने लगे हैं वरना अब तक केवल क्रिकेटर या एक्टर ही सेलेब्रिटी बन पाते थे। स्टार्टअप शुरू करना भी आसान है। अगर आपके पास अच्छा आईडिया हो तो ठीक नहीं तो आप कोई चलते हुए बिजनेस आईडिया को कॉपी करके बेहतर एक्जीक्यूशन के जरिए भी अपना बिजनेस बना सकते हैं। यह आवश्यक है कि आईडिया को तेजी से एग्जीक्यूट किया जाए।   

शार्क टैंक के बारे में बात करते हुए कहा अमन गुप्ता ने कहा कि यह शायद देश का अकेला नॉन स्क्रिप्टेड शो है और इसमें शार्क्स को भी नहीं पता होता है कि अगली पिच कौन सी आने वाली है। शार्क टैंक के अनुभव से  उन्होंने बडिंग स्टार्टअप्स की गलतियों को भी रेखांकित करते हुए कहा कि कई बार एंटरप्रेन्योर्स को अपने स्टार्टअप के बारे में ही ठीक से मालूम नहीं होता है जिसके चलते वे गलत नंबर्स दिखाते हैं और समझा नहीं पाते।